वेबिनार ने भौतिक संसाधनों की कमी को दूर किया, विशेषज्ञ, शिक्षक व विद्यार्थी कर रहे ज्ञान का आदान प्रदान- केविवि कुलपति
500 से अधिक विद्यार्थियों, शिक्षकों व विशेषज्ञों ने की भागीदारी, आयोजन समिति में 50 से ज्यादा लोग रहे सक्रिय, 22 समानांतर सत्रों में करीब 350 शोध पत्रों की प्रस्तुति
प्रबंधन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो.पवनेश कुमार ने किया संयोजन, कहा- आगे भी जारी रहेंगे वेबिनार, टीम वर्क पर दिया जोर
30-31 मई 2020
कोरोना एक त्रासदी ही नहीं है, अवसर भी है। इंसान की फितरत है कि वह बदलाव को सहज स्वीकार नहीं करता है। लेकिन परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है। हम बदलाव नहीं कर रहे हैं तो प्रकृति हमें इसके लिए मजबूर कर रही है। समय रहते हमें इसके लिए तैयार हो पड़ा। जो बात भारत की संस्कृति में समाई हुई है वह संकट के इस दौर में पूरी दुनिया के काम आ रही है। अब सोशल डिस्टेंसिंग की बात लोगों को समझ में आने लगी है। वर्क फ्रॉम होम की संस्कृति विकसित हो रही है। इसके लिए हमें रिसर्च कल्चर भी डेवलप करने की आवश्यकता है। ये बातें महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रबंधन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार के उद्घाटन सत्र में बतौर विशेषज्ञ आईएमएस, गाजियाबाद के निदेशक प्रो. आलोक कुमार पाण्डेय ने कही।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि कोरोना की चुनौती को केविवि के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने स्वीकार करते हुए अकादमिक उत्कर्ष के कार्यों को आगे बढ़ाया है। वेबिनार के कारण हमें संसाधनों की कमी महसूस नहीं हो रही और बड़ी संख्या में विशेषज्ञ, शिक्षक और विद्यार्थी आपस में ज्ञान का आदान-प्रदान कर रहे हैं। वेबिनार के संयोजक व प्रबंधन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यूं तो विवि के लगभग सभी विभाग वेबिनार के माध्यम से ज्ञान का आदान-प्रदान कर रहे हैं लेकिन प्रो.पवनेश कुमार की अध्यक्षता में प्रबंधन विज्ञान विभाग वेबिनार आयोजित करने में सबसे आगे है। इसके लिए मैं इन्हें और विभाग के सभी शिक्षकों की प्रशंसा करता हूं साथ ही बधाई देता हूं।
मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुड़गांव के निदेशक प्रो. पवन कुमार सिंह ने अपने बीज वक्तव्य में वेबिनार के विषय को समय की आवश्यकता के अनुरुप बताया और प्रबंधन विज्ञान विभाग सहित पूरे केविवि परिवार की प्रशंसा की। वहीं वेबिनार के संयोजक व प्रबंधन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार ने कहा कि वेबिनार के माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों के साथ-साथ देश के जाने माने विशेषज्ञों के साथ जुड़कर ज्ञान का आदान-प्रदान करने का अवसर मिल रहा है। इसके लिए उन्होंने विशेषज्ञों व विवि प्रशासन का आभार जताया और कहा कि आगे भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे। शिक्षकों व विद्यार्थियों की टीम भावना से काम करने को उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों की सफलता के लिए जरुरी बताते हुए अपने सभी सहयोगियों की प्रशंसा की।
इस वेबिनार के दोनों दिन कुल मिलाकर 22 समानांतर सत्रों में लगभग 350 प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये। इन सत्रों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संयोजकों और सह संयोजको में डॉ. बी. सिंह, डॉ. अभिजीत विश्वास, डॉ.स्वाति कुमारी, डॉ. शांतनु सौरभ, डॉ.शिवेंद्र सिंह, डॉ.सुमिता सिंकु, डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ.दिनेश व्यास, डॉ.अभय विक्रम सिंह, भगत सिंह कॉलेज के डॉ.हरनाम सिंह, राज.स्नातकोत्तर महाविद्यालय, झाँसी के डॉ. अरुण कुमार सोनकर, माखनलाल विवि के डॉ.आदित्य मिश्रा आदि शामिल रहे। करीब 500 प्रतिभागियों ने वेबिनार में हिस्सा लिया।
बीएयू के प्रो. एच.के.सिंह ने वेबिनार के पहले दिन तकनीकि सत्र की अध्यक्षता की, आर्यभट्ट कॉलेज,दिल्ली के डॉ. जे.के.सिंह सत्र के उपाध्यक्ष रहे, भारतीय वाणिज्य संघ के उपाध्यक्ष प्रो.मानस पाण्डेय बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे, प्रो. भगवान सिंह ने बीज वक्तव्य दिया। इस सत्र के संयोजक की भी भूमिका केविवि के प्रो. त्रिलोचन शर्मा ने निभाई, जबकि डॉ.स्वाति कुमारी ने सह-संयोजक की भूमिका निभाई। वहीं दूसरे और अंतिम दिन तकनीकि सत्र की अध्यक्षता प्रो. अविनाश डी. पाथिडिकर ने की, प्रो. विकास चौधरी उपाध्यक्ष रहे, प्रो.हरे कृष्णा सिंह, विशिष्ट अतिथि रहे, प्रो. वी.एस. सुंदरम ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। डॉ. आर.जयराम ने बीज वक्तव्य दिया। केविवि के डॉ. सुब्रत राय ने संयोजक की जबकि डॉ.अल्का लल्हाल ने सह-संयोजक की भूमिका निभाई।
विवि के ओएसडी प्रशासन डॉ. पद्माकर मिश्र, डी.आर. प्रो. ज्वाला प्रसाद व सच्चिदानंद सिंह, पीआरओ शेफालिका मिश्रा व सिस्टम एनालिस्ट दीपक दीनकर आदि ने इस आयोजन पर प्रसन्नता जताई। प्रबंधन विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर कमलेश कुमार, शोधार्थी सिद्धार्थ घोष, चंदनवीर, अंकिता आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समाचार लिखे जाने तक विवि के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा की अध्यक्षता में वेबिनार का समापन सत्र जारी था। इस सत्र में पाटलिपुत्र विवि, पटना के कुलपति प्रो.जी.सी.आर जायसवाल बतौर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि सौराष्ट्र विवि राजकोट के प्रो. आलोक चकरवाल व बीज वक्तव्य के लिए प्रो. सुजीत कुमार दुबे आमंत्रित रहे। जबकि इस सत्र का संयोजन केविवि की डॉ.सपना सुगंधा ने किया।
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