*डॉ. आशीष भटनागर, डॉ.राहिल यूसूफ ज़ई, डॉ. राज कुमार सिंह व डॉ.सरोज रंजन आदि विशेषज्ञों ने दिया व्याख्यान*
*प्रो. पवनेश कुमार ने की अध्यक्षता, बड़ी संख्या में अध्यापक व विद्यार्थी रहे मौजूद*
*कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने की सराहना, आगे भी वेबिनार कराने पर दिया ज़ोर*
(2मई)
महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रबंधन विज्ञान विभाग द्वारा शनिवार को ‘कोविड-19 के बाद उद्यमिता, चुनौतियां और अवसर’ विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन में उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद के डॉ. आशीष भटनागर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के डॉ.राहिल यूसूफ ज़ई, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साईंस, वाराणसी के डॉ.राज कुमार सिंह व विनोबा भावे विश्वविद्यालय, झारखंड के डॉ. सरोज रंजन ने बतौर विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। डॉ. आशीष भटनागर ने अपने व्याख्यान में बताया कि कोरोना एक वैश्विक संकट है। इससे भारत ही नहीं दुनिया के तमाम देश जूझ रहे हैं। उद्योग-धंधे बंद हो जाने से भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार काम-धंधे शुरु कराकर अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने का प्रयास कर रही है। लेकिन अचानक से सब कुछ शुरु नहीं किया जा सकता। प्रबंधन विज्ञान से जुड़े विद्यार्थियों, अपना उद्यम शुरु करने या कोविड-19 के बाद अपने उद्यम को पुनर्स्थापित करने के इच्छुक लोगों के लिए उन्होंने बताया कि नये परिदृश्य को समझते हुए हेल्थ, टेक्नॉलॉजी, फॉर्मा, रिटेल, एजुकेशन सेक्टर, होम डिलीवरी के क्षेत्र में काम करके सफलता हासिल की जा सकती है। डॉ.राज कुमार सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि इस समय केवल कर्मचारी ही नहीं नियोक्ता भी परेशान हैं। दुनिया के तमाम देशों की तरह भारत की भी जीडीपी बुरी स्थिति में है। चुनौती के इस समय में हाथ पर हाथ रखकर बैठने की बजाय इसे अवसर में बदलना होगा। कुछ समय तक स्थिति खराब ही रहने वाली है, सब कुछ अचानक से पटरी पर नहीं आ जाएगा इस बात को समझते हुए अपने कारोबार के अस्तित्व को बचाए रखना होगा। रेगुलर प्रोडक्शन की बजाय लिमिटेड प्रोडक्शन पर ध्यान देना अनिवार्य है। आगे कहा कि इस परिस्थिति से हर वर्ग के लोग परेशान हैं। सरकार भी कोशिश कर रही है, उसे सैलरी के रुप में बहुत बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है, जबकि इन्कम बंद है। उद्यमियों से उन्होंने इस विषम परिस्थिति का आंकलन करते हुए इंटरनेशनल टूरिज्म, सप्लाई चैन, लॉजिस्टिक और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में मजबूती से काम करने की आवश्यकता बताई।
डॉ.राहिल यूसूफ ज़ई ने अपने व्याख्यान के शुरुआत में कहा कि आज बहुत ही प्रासंगिक विषय पर चर्चा हो रही है। यह समय समस्या को बड़ा बताकर चिंता जताने की बजाय कुछ ठोस काम करने की आवश्यकता है। लॉकडउन में लोग अपने घरों में बैठने को बाध्य हैं। उनका समय टेलीविजन और ऑनलाइन माध्यमों पर खर्च हो रहा है। लोगों की इस जरुरत समझते हुए एंटरटेनमेंट एरिया जैसे-विडियो, मूवी, गेमिंग आदि के क्षेत्र में काम करके लाभ कमाया जा सकता है। विद्यार्थियों एवं उद्यमियों से उन्होंने हेल्थ सेक्टर पर ध्यान केंद्रित कर हेल्थ ऐप, मेडिटेशन ऐप, टेलीमेडिसिन, टेली कंसलल्टेशन के क्षेत्र में उद्यम एवं रोजगार तलाशने की बात कही। आगे कहा कि आपकी सफलता इस बात पर निर्भर है कि तेजी से बदल रहे वातावरण में आप कितना बदलाव कर पाते हैं? एक उद्यमी के अंदर प्राब्लम साल्विंग स्किल और अच्छी कम्यूनिकेशल स्किल होना ही चाहिए। ये गुण आपको हर क्षेत्र में फायदा पहुंचाते हैं। यह समय इन गुणों को सीखने के लिए सर्वाधिक अनुकुल है। डॉ. सरोज रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 एक बड़ा संकट है लेकिन याद रखना होगा कि हर संकट कुछ अवसर भी लेकर आती है। इस समय लेबर क्राइसेस, फाइनेंसियल क्राइसेस, और डिमांड एंड प्रोडक्शन रेसियो एक बड़ी चुनौती है। तत्काल मार्केट बनने नहीं जा रहा है, रेगुलर प्रोडक्शन करियेगा भी तो किसके लिए? लिस्ट इंकम की इस स्थिति में कोई बड़ी खरीददारी नहीं करने जा रहा है, फिलहाल लक्जरी सामान तो बिल्कुल नहीं खरीदी जाएगी। इस स्थिति में एक कुशल उद्यमी के लिए जरुरी है कि वह अपनी कुशल रणनीति से उत्पादों की मांग पैदा करे। इसके लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट करेंगे तो सोल्यूशन मिलेगा। मार्केट रिसर्च बड़ा अवसर दिलाएगा। मार्केटिंग एरिया, एचआर और फाइनेंसियल क्षेत्र में अवसर मिल सकता है। मजदूर और कर्मचारी के साथ-साथ बड़ी-बड़ी कंपनियां समस्याओं से ग्रस्त हैं। समस्या की प्रवृत्ति को देखते हुए बिजनेस मैन को आनलाइन होने का वक्त आ गया है। अगर आप समस्या को समझ रहे हैं तो आप इस स्थिति से निपट सकते हैं। सवाल-जवाब के सत्र में डॉ भटनागर ने बताया कि पीएम ईजीपी स्कीम से आप मैनुफैक्चरिंग के लिए लोन ले सकते हैं। इसमें खादी ग्रामोद्योग के जरिये कहीं किसी ऑफिस में नहीं जाना है। कहीं रिश्वत देने की जरुरत नहीं है और सारी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। मुद्रा लोन के ज़रिये भी आप अपना प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर अपने बैंक को प्रजेंट कर सकते हैं। किसी वजह से अगर आपका प्रपोजल रिजेक्ट हो रहा है तो बैंक आपको बताएगा। आप उसे फिर से सुधारकर दुबारा प्रयास कर सकते हैं। राज कुमार सिंह ने बताया कि सबसे बुरा प्रभाव इंटरनेशनल टूरिज्म पर पड़ेगा। भविष्य की ओर देख रहे उद्यमियों के लिए बताया कि आपको टूरिज्म स्पॉट बनाना पड़ेगा। वर्चुअल टूरिज्म का एरिया इससे जुड़ रहा है। आपको रुरल टूरिज्म की ओर देखना होगा। आज के बच्चों ने फिल्मों में ही तालाब, कुआँ, खेत, और बैल देखा होगा, रियल में नहीं देखा होगा या बहुत कम देखा होगा। रुरल टूरिज्म से आप लाभ कमा सकते हैं। सरकार को भी आगे आना पड़ेगा।
विवि के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने प्रबंधन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस वेबिनार को सार्थक बताते हुए सराहना की और विभागाध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार से आगे भी इस तरह के वेबिनार आयोजित करने के लिए कहा। वेबिनार के अध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार ने इस कार्यक्रम को बहुत ही सफल बताया। आयोजन सचिव डॉ. अल्का लल्हाल ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. स्वाति मनोहर ने बड़ी संख्या में जुटे अध्यापकों, विद्यार्थियों और विषय से जुड़े विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
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